स्वतंत्रता दिवस पे एक सादा सा सवाल और वही पुराना सन्देश
सादा सा सवाल है, ऊँगली ही उठाते रहेंगे तो,
अपने गिरेबान में कब झाकेंगे?
गलती तो कोई भी निकाल लेता है,
उपाए सोचेंगे तभी तो आगे बढेंगे
एक दुसरे की कमी भुलाके, साथ निभाना होगा,
बचकानी बातें तज कर, बड़प्पन निभाना होगा,
अपने वतन से किया वादा निभाना होगा,
भारत माँ के हर पूत के साथ भाईचारे का रिश्ता निभाना होगा
अपने गिरेबान में कब झाकेंगे?
गलती तो कोई भी निकाल लेता है,
उपाए सोचेंगे तभी तो आगे बढेंगे
एक दुसरे की कमी भुलाके, साथ निभाना होगा,
बचकानी बातें तज कर, बड़प्पन निभाना होगा,
अपने वतन से किया वादा निभाना होगा,
भारत माँ के हर पूत के साथ भाईचारे का रिश्ता निभाना होगा
टिप्पणियाँ
अपने गिरेबान में कब झाकेंगे?
गलती तो कोई भी निकाल लेता है,
उपाए सोचेंगे तभी तो आगे बढेंगे..
..सही सवाल, सही हल.
सही सवाल उठती रचना