दिल की आवाज़ से ज़्यादा दूर मत जाइएगा

रुकिएगा नहीं, आगे ही चलते जाइएगा, 
जिस राह भी जाएं, दिल की आवाज़ से ज़्यादा दूर मत जाइएगा

                                 दौलत-ओ-शौहरत आसमां के तारों में कहीं होती है,
                                 पर ख़ुशी कहीं दिल के पास छुपी होती है
                                 कितनी भी दूर सफ़र क्यूँ ना करना पड़े, अपने करीब रहिएगा

टिप्पणियाँ

Udan Tashtari ने कहा…
बढ़िया है.
Sunil Kumar ने कहा…
अच्छी रचना ,बधाई
vikram7 ने कहा…
दिल की आवाज़ से ज़्यादा दूर मत जाइएगा
bahut sundar rachana
SATYA ने कहा…
अच्छी रचना,
आप भी इस बहस का हिस्सा बनें और
कृपया अपने बहुमूल्य सुझावों और टिप्पणियों से हमारा मार्गदर्शन करें:-
अकेला या अकेली
अंजना ने कहा…
अच्छी रचना .


श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई
khushi to hamare hi aas paas kahin bikhri hoti hai, bas hame dekhna aana chahiye......badhaai

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