हर इनकार ईमान हो जाता है
दिल टूटता तो है,
पर टूट के और बड़ा हो जाता है,
हर ठोकर पर आह तो निकलती है ,
पर अगला कदम कुछ और होशिआर हो जाता है
हमले का मकसद कुछ भी क्यूँ न हो,
हर हमले से हौसला कुछ और जवाँ हो जाता है
राहेमंज़िल कितनी भी लम्बी हो,
इरादा पक्का हो तो सफ़र आसां हो जाता है
कैद-खाना जिस्म रोक सकता है,
ख्याल सैलाखें तोड़ उड़न छू हो जाता है
फज़ल उसका जब सेहरा को समंदर करता है
हर इनकार ईमान हो जाता है
टिप्पणियाँ
हर ठोकर पर आह तो निकलती है ,
पर अगला कदम कुछ और होशिआर हो जाता है
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Life teaches us vital lessons .
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पर अगला कदम कुछ और होशिआर हो जाता है
sau pratishat sahi
ख्याल सैलाखें तोड़ उड़न छू हो जाता है
very very good
हर हमले से हौसला कुछ और जवाँ हो जाता है
बहुत सुन्दर और हौसला बढ़ाने वाली रचना ....
ख्याल सलाखें तोड़ उड़न छू हो जाता है
बहुत अच्छी पंक्तियाँ.
हर हमले से हौसला कुछ और जंवा हो जाता है!
दो लाइनों का मैंने यहाँ उल्लेख किया वैसे सभी लाइने एक से बढ़कर एक है !
एक नजर इधर भी :-
एक अनाथ बच्चे और उसे मिली एक नयी माँ की कहानी जो पूरी होने के लिए आपके कमेन्ट कि प्रतीक्षा में है कृपया पोस्ट पर आकर उस कहानी को पूरा करने में मदद करने हेतु सभी मम्मियो और पापाओ से विनती है ॥
http://svatantravichar.blogspot.com/2010/11/blog-post_18.html
इरादा पक्का हो तो सफ़र आसां हो जाता है
hakeekat bayaan ki hai is sher mein .. isliye kahte hain iraade majboot one chahiyen ...
phli baar apke blog pe aya
padh k acha laga
yunhi likhte rahiye