ज़रा मुस्कुरा दीजिये....
उदासी, गुस्से और अकड़ से ज़्यादा दोस्ती अच्छी नहीं होती, इनकी पकड़ एक मुस्कराहट से टूट जाती है और फिर माहौल बदलते देर नहीं लगती... मुस्कुराने के कई फायदे हैं, यह आपको ही नहीं सारे आलम को खूबसूरत बना देती है, आपकी रूह को सेहत देती है, दोस्ती को मजबूती देती है, चेहरे को रंगत देती है, नफरत की गिरह तोड़ती है. जब मुस्कराहट दिल से निकलती है तो दिल तक पहुँचती है....
हंस के उदासी हरा दीजिये,
मसले को ना हवा दीजिये
बस, ज़रा मुस्कुरा दीजिये
http://dostishayaris.blogspot.com/2010/07/dil-ka-bazar-mian-dolat-nahi-dekhi-jati.html |
यूँ खफ़ा क्या रहा कीजिये
क्यूँ सभी को सज़ा दीजिये
जी, ज़रा मुस्कुरा दीजिये
ये माहौल सजा दीजिये,
सारा आलम जगमगा दीजिये
यूँ ज़रा मुस्कुरा दीजिये
आग-ऐ-रंजिश बुझा दीजिये
गुफ्तुगू इस तरह कीजिये
के ज़रा मुस्कुरा दीजिये
मुश्किलों से यूँ लड़ा कीजिये
शिकन को ना कोई जगह दीजिये
हो सके तो, ज़रा मुस्कुरा दीजिये
दुश्मनों को भी शामिल किया कीजिये
आप जब भी दुआ कीजिये
खुदा के लिये ज़रा मुस्कुरा दीजिये
माफ़ दिल से किया कीजिये,
जब किसी से गिला कीजिये
फिर ज़रा मुस्कुरा दीजिये
जब लफ़्ज़ों में उलझा कीजिये,
ख़ामोशी में यूँ पनाह लीजिये,
और ज़रा मुस्कुरा दीजिये
दिलों से दिलों को मिला दीजिये,
एक जादू चला दीजिये,
इस तरह मुस्कुरा दीजिये
टिप्पणियाँ
naye varsh ki agrim subhkamnayen.......
और आपका नया template तो मन को छू गया...
" नज़रेँ मिलाके ना नज़रेँ झुकाओ........गज़ल "
गुफ्तुगू इस तरह कीजिये
के ज़रा मुस्कुरा दीजिये
इतनी सुन्दर रचना को पढ़ कर कौन नहीं मुस्करायेगा...बहुत सुन्दर प्रस्तुति
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.uchcharan.com/
एक जादू चला दीजिये,
इस तरह मुस्कुरा दीजिये
xxxxxxxxxxxxxxxxxx
ऐसा जादू सबको सकून देने वाला होता है ...शुक्रिया
जब भी आप दुआ कीजिये।
सुन्दर अभिव्यक्ति। बधाई।
jab acchi lagey kisi ki post
to encouraging comment kijiye
talent diya jo khuda ne
uski kadar kijiye.
bahut pyare bhaon ki pyari kriti.
प्यारी सी सुन्दर सी संदेशपरक कविता ...अब जरा आप भी मुस्कुरा दीजिये ...
सुन्दर शब्दों की बेहतरीन शैली ।
भावाव्यक्ति का अनूठा अन्दाज ।
बेहतरीन एवं प्रशंसनीय प्रस्तुति ।
हिन्दी को ऐसे ही सृजन की उम्मीद ।
धन्यवाद....
satguru-satykikhoj.blogspot.com
आपके एवं आपके परिवार के लिए
सुखकर, समृद्धिशाली एवं
मंगलकारी हो...
।।शुभकामनाएं।।
बड़े अच्छे हों तो बच्चे भी अच्छे ही रहते हैं .
आज कल तो बड़े ऐसे भी हैं कि 'माँ और बहन' कहो तो भी ऐतराज़ कर डालें.
ऐसे लोगों को टोकना निहायत ज़रूरी है . गलती पर खामोश रहना या पक्षपात करना
ही बड़े लोगों को बच्चों से भी गया गुज़रा बनती है .
रचना जी को मां कहने पर
और
दिव्या जी को बहन कहने पर
ऐतराज़ क्यों ?
अगर आप यह नहीं जानना चाहते तो कृप्या निम्न लिंक पर न जाएं।
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/patriot.html