बड़ा वक़्त हो गया
सभी को ब्लॉग पे आने के लिए धन्यवाद और शुक्रिया.... जब कुछ दिन कोई नहीं आया बड़ा अजीब लगा... ये नए रिश्ते दिल में जगह बना चुकें है अब पता लगा....
यह रचना मेरे छोटे से (उम्र से तो २८ साल का है पर लगता मेरे बेटे जैसा ही है), बहुत प्यारे से भाई के लिए लिखी है, वो दिल्ली में रहता है और उससे मिले करीब ढाई साल हो गए हैं... मेरे दो भाई हैं एक बड़ा और एक छोटा, इश्वर करे सब को ऐसे भाई मिलें
शानू के हाथों में तेरे हाथ नज़र आते हैं, मगर
तेरे हाथों को हाथ में लिए बड़ा वक़्त हो गया
स्काइप पे तुझे देख-सुन लेती हूँ, पर
तुझे गले से लगाए बड़ा वक़्त हो गया
कोई ख़ास बात होती है तो ही बात होती है,
घंटों यूँ ही साथ बिताए बड़ा वक़्त हो गया
हाँ, हम बड़े हो गए, पर क्या रास्ते इतने जुदा हो गए?
दो कदम साथ चले बड़ा वक़्त हो गया
बारिश में भागते हुओं को छेड़ने में कितना मज़ा आता था
साथ मिलके कोई शैतानी किये बड़ा वक़्त हो गया
इतना प्यार और आदर देता है की संभाले नहीं संभालता,
पिद्दी सी बात पे झगड़ा किये बड़ा वक़्त हो गया :-)
दिल ही दिल में तो हो आती हूँ दिल्ली अक्सर
सात समंदर का सफ़र तय किये बड़ा वक़्त हो गया
कोई शिकायत नहीं है अपने आज से, बस
पहली वाली ज़िन्दगी जिए बड़ा वक़्त हो गया
तेरी शादी में तीनों भाई-बहन नाचेगें बेहिसाब,
ढेर सारी धमाचौकड़ी मचाए बड़ा वक़्त हो गया
मेरी दुआएं तो तुझ तक रोज़ पहुँचती होंगी लेकिन,
टिप्पणियाँ
पहली वाली ज़िन्दगी जिए बड़ा वक़्त हो गया
aur dil dhoondhta hai phir wahi fursat ke raat din
जीतनी तारीफ की जाये कम है
bahut pyar se usko ukera aapne..
hamare blog pe aana.........
तेरे सर पे हाथ रखे हुए बड़ा वक़्त हो गया
बहुत सुंदर रचना उसको बधाई हमारी ओर से और आपका धन्यवाद ....
तेरे सर पे हाथ रखे हुए बड़ा वक़्त हो गया
bahut sunder sher hai
puri gazal hi bahut pyari hai
rachana
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कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत?
ब्लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।
बधाई।
sahitya surbhi
ek pal ki fursat nahi milti. sabhi
ka yehi hall hai. aisa laga jaise
aapne apna nahi mera haal likha hai,
मेरी ओर से बहुत बहुत बधाई.