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तू सही है, सुन!

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सुन   अपने   मन   की   धुन , तू   सही   है ,  सुन ! उड़ ,  और   ऊपर   उड़ , चिड़ियों   के   संग   कर   गुन - गुन ! पर्दों - ओ - दीवारों   के   बाहर , आसमानों   के   सपने   बुन !  तेरी   नज़र   हो   तेरा   नज़राना , तू   ख़ुद   बन   अपना   शगुन ! झिझक   और   शर्म   बहुत   हुई , उठ ,  अपना   रास्ता   चुन !  सलाह   दस   दें   और   उँगली   बीस   उठाएँ , मदद   को   सब   आवाज़ें   सुन्न !  झुकना है तो उसके क़दमों में झुक, एक वो ही जाने पाप और पुन! ना   कर   सवाल   दिल   की   आवाज़   पर , धड़कन   की   हार   ताल   को   ध्यान   से   सुन ! सुन   अपने   मन   की   धुन , तू   सही   है ,  सुन ! https://www.istockphoto.com/vector/beautyfull-girl-face-attractive-young-woman-portrait-female-beauty-concept-gm1207995305-349004338

वक्त के निशाँ

जंगो से तबाह शहरों को देखो , बिखरी हुई इमारतों को देखो ,  सूनी  बदरंग  सड़कों को देखो , इंसाफ़ को चिल्लाती लाशों को देखो , माँ की गोद के ख़ाली ख़ज़ानों को देखो , बाप के हारे हुए इरादों को देखो ,  लूटे   हुए   बचपन   की   आँखों  को  देखो , हारे हुए सैनिक के ज़ख़्मों को देखो ,  जीते हुए सिपाही के ख़ाली हाथों को देखो, खूबसूरत वादियों के वीरानों को देखो, जागो, नफरत के नतीजों को देखो, और फिर, फूलों से भरे बगीचों को देखो, किलकारियों से गूँजते गलियारों को देखो, न बटें हों मज़हबों से, उन रिश्तों को देखो, खुल के बोलती हों, उन आवाज़ों को देखो, रंगों से भरे, आज़ाद नज़ारों को देखो, गहरी साँस ले कर अपने ख्वाबों को देखो, देखो, अमन और दंगों के फर्कों को देखो, नफरत और मोहब्बत के मुख़्तलिफ़ ठिकानों को देखो, टटोलो खुद को, दिल के ख्यालों को देखो, किस तरफ जा रहे हैं, कदमों को देखो, चल रहे हो जिन पर, उन रास्तों को देखो, समेट लो नफरत की दुकानों को, देखो, फैलने दो मोहब्बत के फ़सानों को, देखो, कहीं देर न हो जाए, वक़्त के निशानों को देखो! तमाम   जंगो   से   तबाह   शहरों   को   द