अजय
मित्रता दिवस की सभी को शुभकामनाएं! यह पंक्तियाँ उस भाई के लिए हैं जो दूर तो है पर दिल के बहोत करीब है, परेशान तो है मगर जीत उसकी मुट्ठी में है :-) जब हाथ बढ़ा के छू न पाऊँ, कैसे तेरा दर्द सहलाऊँ? जब वक़्त-ओ-हालात इजाज़त न दे, कैसे तुझे मिलने आऊँ? तू है दूर, तेरा दर्द इतने करीब, तेरी आह सुनु पर तुझे देख न पाऊँ वो आंसूं जो शायद गिरते ही नहीं, कैसे उन्हें पोंछ पाऊँ? कैसे कहूँ की मैं हूँ, छोटे मुँह, बड़ी बात कैसे कर जाऊं? फज़ल-ओ-रहम हो उसका तुझ पर यूँ दुआ में झुक जाऊं मुश्किलों से तो दोस्ती है तेरी, खुद को याद दिलाऊँ, तेरी हँसी जो हर ग़म जीत ले याद कर मुस्कुराऊँ दर्द है पर हार नहीं, तेरी हिम्मत पे वारि जाऊं तू अजय है, अजय ही रहेगा मन में यही दोहराऊँ