भूल न जाना राम!
जय श्री राम कह कह कर, भूल न जाना राम, दबंगई व हिंसा मत जोड़ना उस मर्यादा पुरषोत्तम के नाम! शांति, अहिंसा और भाईचारा, यही है भारतीयता की पहचान! हत्या, क्रूरता, और उद्दंडता में, क्यों छूमंतर हो रहा इंसान! गाँधी के देश में रहने वालों, मत करो भारत बदनाम, जिस मिटटी में बढ़ी हुई मैं, यह बिनती उसी के नाम! जितनी नफरत भरी है दिल में, उससे ज़्यादा प्यार भरा है मन में, नज़र का फ़र्क़ है, नियत का फेर है, जो चाहे भर लो जीवन में! रुको दो पल, सोच तो ज़रा, आख़िर, क्या है मक़सद ? जान लेना, प्रभुता पाना? है कहाँ तक जाना, और किस हद तक?