चल उठ, ज़िन्दगी, चलते हैं! -2
चल उठ, ज़िन्दगी,
चलते हैं!
सिर्फ अपने लिए जीना अधूरा सा लगता है
आ, तुझे जी भर के जीने,
चलते हैं
चाचा जी को अब दिखता नहीं,
चल, उन्हें अखबार सुनाने,
चलते हैं
कामवाली की लड़की फटे कपडे पहने है,
चल, उसे नई फ्राक दिलाने,
चलते हैं
पड़ोस की ताई का कोई नहीं रहा अब,
चल, उनको हंसाने,
चलते हैं
सामने की सड़क पे वो अक्सर भूखा सोता है,
चल, उसे खाना खिलाने,
चलते हैं
बड़े दिन हुए माँ को कुछ मीठा खिलाये,
चल, हलवा बनाने,
चलते हैं
लगता है, शिकवा दूर नहीं हुआ उनका,
चल, भाभी को मनाने,
चलते हैं
बच्चों से खेले बहुत वक़्त हुआ,
चल, दिल बहलाने,
चलते हैं
चिंता-परेशानी बहुत हुआ,
चल, कोई सपना सजाने,
चलते हैं
वक़्त आने पे अलविदा भी कह देंगे तुझे,
फिलहाल, पल पल को जीने,
चलते हैं
चलते हैं!
सिर्फ अपने लिए जीना अधूरा सा लगता है
आ, तुझे जी भर के जीने,
चलते हैं
चाचा जी को अब दिखता नहीं,
चल, उन्हें अखबार सुनाने,
चलते हैं
कामवाली की लड़की फटे कपडे पहने है,
चल, उसे नई फ्राक दिलाने,
चलते हैं
पड़ोस की ताई का कोई नहीं रहा अब,
चल, उनको हंसाने,
चलते हैं
सामने की सड़क पे वो अक्सर भूखा सोता है,
चल, उसे खाना खिलाने,
चलते हैं
बड़े दिन हुए माँ को कुछ मीठा खिलाये,
चल, हलवा बनाने,
चलते हैं
लगता है, शिकवा दूर नहीं हुआ उनका,
चल, भाभी को मनाने,
चलते हैं
बच्चों से खेले बहुत वक़्त हुआ,
चल, दिल बहलाने,
चलते हैं
चिंता-परेशानी बहुत हुआ,
चल, कोई सपना सजाने,
चलते हैं
वक़्त आने पे अलविदा भी कह देंगे तुझे,
फिलहाल, पल पल को जीने,
चलते हैं
टिप्पणियाँ
चल, सपना सजाने,
चलते हैं
वाह, सुन्दर प्रवाहमयी कविता !
बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
sayad kisi rote bachche ko ham bhi chup karwa payen...:)
God bless!!
चल, दिल बहलाने,
चलते हैं
चिंता-परेशानी बहुत हुआ,
चल, कोई सपना सजाने,
चलते हैं
बहुत ही मासूमियत भरे खूबसूरत शब्द..... सुंदर .....
फिलहाल, पल पल को जीने,
चलते हैं .
बहुत ही मासूमियत भरे खूबसूरत शब्द
फिलहाल, पल पल को जीने,
चलते हैं
वाह! बेहद खूबसूरत और सकारात्मक अभिव्यक्ति दिल मे उतर गयी…………।उम्दा अन्दाज़्।
चलो ज़िंदगी एक नए तरीके से जीते हैं
न जाने फट गए हैं कितने सिरे, आज उन्हें जोड़ के सीते हैं...
काश हर कोई इसी तरह जिने की ठान ले
बधाई
bahut sundar rachna
badhayi
vijay
kavitao ke man se ...
pls visit my blog - poemsofvijay.blogspot.com
सादर
डोरोथी.
लाजवाब ...
बेहतरीन ढंग से कही बात