टूटे रिश्तों के टुकड़े
रिश्ते हंसातें हैं,
यही दिल दुखाते भी हैं,
कभी निभ जातें हैं आखरी सांस तक,
कभी पल में चटकते भी हैं
कभी जन्मों के, रस्मों के रिश्ते
सवाल बन के रह जातें हैं,
तो कहीं बेनामी, मुंहबोले रिश्ते,
हर सवाल का जवाब बन जातें हैं
रिश्ता रिश्तेदारों से नहीं,
दिल से होता है,
निबाह इनका एक अकेले से से नहीं
मिल के होता है
ढोओं ना रिश्तों को
जी लो इन्हें ,
उधड़े जो ज़रा भी यह प्यारे रिश्ते,
वक़्त रहते सी लो इन्हें
रिश्ते टूट तो जातें हैं,
पर कुछ टुकड़े दिल में छोड़ जातें हैं,
कुछ लोग रिश्तों के मोहताज नहीं होते
रहे ना रहे रिश्ता, वो दिल में रह जातें हैं
यही दिल दुखाते भी हैं,
कभी निभ जातें हैं आखरी सांस तक,
कभी पल में चटकते भी हैं
कभी जन्मों के, रस्मों के रिश्ते
सवाल बन के रह जातें हैं,
तो कहीं बेनामी, मुंहबोले रिश्ते,
हर सवाल का जवाब बन जातें हैं
रिश्ता रिश्तेदारों से नहीं,
दिल से होता है,
निबाह इनका एक अकेले से से नहीं
मिल के होता है
ढोओं ना रिश्तों को
जी लो इन्हें ,
उधड़े जो ज़रा भी यह प्यारे रिश्ते,
वक़्त रहते सी लो इन्हें
रिश्ते टूट तो जातें हैं,
पर कुछ टुकड़े दिल में छोड़ जातें हैं,
कुछ लोग रिश्तों के मोहताज नहीं होते
रहे ना रहे रिश्ता, वो दिल में रह जातें हैं
टिप्पणियाँ
दिल से होता है,
निबाह इनका एक अकेले से से नहीं
मिल के होता है
-बहुत उम्दा बात कही...
रहे ना रहे रिश्ता, वो दिल में रह जातें हैं'
बहुत सुंदर रचना.
दिल से होता है,
वाकई रिश्तेदारी तो सिर्फ दुनियादारी है. दिल के रिश्ते असल में रिश्तेदारी निभाते है.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
आपको नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं ....
मेरे ब्लॉग मेरी रचना स्त्री...
पर कुछ टुकड़े दिल में छोड़ जातें हैं,
कुछ लोग रिश्तों के मोहताज नहीं होते
रहे ना रहे रिश्ता, वो दिल में रह जातें हैं
यही तो रिश्तों का फ़लसफ़ा है…………बेहतरीन रचना।
रहे न रहे रिश्ता, वो दिल में रह जाते हैं।
गहन भावों को अभिव्यक्त करती अच्छी कविता।
नवरात्रा स्थापना के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं आपको और आपके पाठकों को भी!!
आभार!!
दिल से होता है,
निबाह इनका एक अकेले से से नहीं
मिल के होता है
बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियाँ हैं...
बहुत लाजवाब रचना ...
दिल से होता है,
निबाह इनका एक अकेले से से नहीं
मिल के होता है
बहुत सुन्दर कविता.