तू सही है, सुन!
सुन अपने मन की धुन,
तू सही है, सुन!
उड़, और ऊपर उड़,
चिड़ियों के संग कर गुन-गुन!
पर्दों-ओ-दीवारों के बाहर,
आसमानों के सपने बुन!
तेरी नज़र हो तेरा नज़राना,
तू ख़ुद बन अपना शगुन!
झिझक और शर्म बहुत हुई,
उठ, अपना रास्ता चुन!
सलाह दस दें और उँगली बीस उठाएँ,
मदद को सब आवाज़ें सुन्न!
झुकना है तो उसके क़दमों में झुक,
टिप्पणियाँ
उठ, अपना रास्ता चुन...
बहुत सुंदर सकारात्मक भाव