खुदा से और खुद से गुफ्तगू में वक़्त गुज़र जाता है,
तन्हाई से रूबरू होने का मौका ही नहीं  मिलता...

 

टिप्पणियाँ

केवल राम ने कहा…
बेहतर .....तन्हाई अगर जीवन में हो भी न तो चलेगा ..!
जब खुदा मिल गया तो तन्हाई कैसी ॥बहुत खूब
Kailash Sharma ने कहा…
लाज़वाब !
सच है, तनहाई आये तो कैसे।
Kailash Sharma ने कहा…
बहुत खूब!
M VERMA ने कहा…
वक्त गुजारने का ये शगल अच्छा है
ARPI ने कहा…
I am sorry, if I am ruining your post by using English. Just wanted to let you know that these words are revitalizing and you keep becoming better.
ये स्थिति आ जाए तो जीवन सफल है ...
Bharat Bhushan ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Bharat Bhushan ने कहा…
वाह! अच्छा है तन्हाई कहीं नहीं होती.

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