ज़रा सा ख़याल दिल दुखा के गुज़र गया,
दर्द है के बस वहीँ ठहर गया…. 
फिर दर्द को गूंद के बनायी मुस्कराहट,
बड़ा पुराना है, नहीं ये हुनर नया...

टिप्पणियाँ

mridula pradhan ने कहा…
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Kailash Sharma ने कहा…
बहुत खूब!
सदा ने कहा…
वाह ... बहुत खूब ।
Pallavi saxena ने कहा…
बेहतरीन...
Bharat Bhushan ने कहा…
बहुत बढ़िया. यह हुनर बना रहे.
दर्द को गूंद कर मुस्कराहट बनाना भी कुछ कम नहीं. बहुत सुंदर.
Udan Tashtari ने कहा…
क्या बात है!!

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