मिलावट के ज़माने में हम पीछे रहें क्यूँ उम्मीद मायूसी में मिला ली हमने बेईमानी का चलन अपनाया इस अदा से मुस्कराहट ग़म में मिला ली हमने गुस्से में जो नफरत घोलते हैं, घोला करें, माफ़ी शिकायत में मिला ली हमने
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जुलाई, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
मोहब्बत
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कहते हैं एक बार होती है किसी एक से होती है दिल में हो मोहब्बत तो हर एक से होती है मोहब्बत भरी ज़िन्दगी गंगा सी होती है जहां-जहां बहती है सबको भिगोती है वाद-विवाद की होती है, रूठने मानने की होती है मोहब्बत भरे रिश्तों में जगह इन सब की होती है मज़बूत रिश्तों को जो बांधे वो डोर ज़रा कच्ची होती है कभी-कभी सौ झूठ में छिपी मोहब्बत भी सच्ची होती है जब ईंट का जवाब मोहब्बत होती है तब ज़िन्दगी इश्वर के बड़े करीब होती है मोहब्बत जब दिल की मल्लिका होती है, ज़िन्दगी जीने का सुनहरा सलीका होती है फोटोस: गूगल आभार