मम्मी

मम्मी के लिए कुछ मुक्कमल लिखना नामुमकिन है... कहीं न कहीं कोई न कोई कमी रह ही जाएगी... कुछ कहने की कोशिश करूँ भी तो कहाँ से शुरू करूँ और कहाँ ख़त्म, यह नहीं पता... शुरुआत कुछ सवालों से कर रही हूँ.... उसी से पूछ कर...

तुम्हारे बारे में क्या लिखूं?
तुम्हारी डांट या मोहब्बत लिखूं?

वो मार लिखूं जो अब तक राह दिखाती है,
या मार के बाद रोते हुए गले लगाने की आदत लिखूं?

बच्चों के साथ तुम्हारा प्यार लिखूं,
या बुजुर्गों की खिदमत लिखूं?

तुम्हारे हाथ की अरहर की दाल या पौधीने की चटनी,
या फिर ज़िन्दगी में तुमसे बढती लज्ज़त लिखूं?

बरकतों की पोटली लिखूं,
या कुदरत की इनायत लिखूं?

तुम्हारी सादगी लिखूं,
या उस सादगी में छिपी तुम्हारी ताकत लिखूं?

चालीस साल के हमसफ़र के जाने का ग़म लिखूं
या उसके चले जाने के बाद तुम्हारी हिम्मत लिखूं?

बेदाग़ आँचल सी उम्र लिखूं,
या ज़िन्दगी भर की इबादत लिखूं?

आई लिखूं, मम्मी लिखूं, प्यारी माँ लिखूं,
या बस खुदा की सूरत लिखूं? 


Posted on 'Pyari Maa' Tuesday, February 22, 2011 (http://pyarimaan.blogspot.com/2011/02/blog-post_8459.html)

टिप्पणियाँ

Rakesh Kumar ने कहा…
आपकी अपने पापा के जुतेवाली पोस्ट पढ़ी थी.आपकी पोस्ट 'मेरे बेटे' की ये लाईन याद आ रहीं हैं

"औरत हूँ कई रिश्ते और रस्में निभाती हूँ,
मगर सबसे खूबसूरत माँ का किरदार नज़र आता है"

और अब 'मम्मी' पर यह पोस्ट पढ़ कर तो लगता है कि मैं आपको क्या कहूँ.

आपकी पावन निर्मल भावनाओं में मुझे तो खुदा का नूर नजर आता है.
Nidhi ने कहा…
बहुत सुन्दर .....
Maa ke baare mein aapke jajbaat dil mein utar jaate hain ... Maa hoti hi aisi hai ....
आई लिखूं, मम्मी लिखूं, प्यारी माँ लिखूं,
या बस खुदा की सूरत लिखूं? ...kuch bhi , maa maa maa hi sahi
सदा ने कहा…
मां के लिए कुछ भी कहा गया हमेशा भावनाओं की अभिव्‍यक्ति बन जाता है ।
Seema ने कहा…
sooooooooooooooo sweet.....Maa ki jagah koi nahi le sakta
Always Unlucky ने कहा…
Your post is great. You are the best blogger I have ever seen.

From Indian Transport
तुम्हारे हाथ की अरहर की दाल या पौधीने की चटनी,
या फिर ज़िन्दगी में तुमसे बढती लज्ज़त लिखूं?


वाह...मार्मिक रचना...

नीरज
mridula pradhan ने कहा…
behad marmik aur sachchi kavita......wah.
Yashwant R. B. Mathur ने कहा…
कल 27/11/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
लिखना बड़ा कठिन हो जाता है कभी कभी।
कुमार संतोष ने कहा…
सुंदर रचना
ढेरो सुभकामनाएँ
SANDEEP PANWAR ने कहा…
अच्छी प्रस्तुति
Anupama Tripathi ने कहा…
आंख में आंसू भरे नयनो से कविता पढ़ी आपकी ...सीधे ह्रदय तक उतारी और माँ की याद दिला गयी ....
अद्भुत है यह रचना ....
Unknown ने कहा…
माँ के लिये कृतज्ञता प्रेषित करना अत्यंत ही कठिन कार्य है शब्दों की सीमा से परे ..पर आपने बहुत ही भावपूर्ण कृतज्ञता संप्रेषित की है...शुभ कामनायें !!
बहुत भावप्रवण रचना
बेनामी ने कहा…
maa...ek shabd mein saara sansaar samaya hain

sundar rachna
like it
Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…
बेदाग़ आँचल सी उम्र लिखूं,
या ज़िन्दगी भर की इबादत लिखूं?no word to say.
Rakesh Kumar ने कहा…
हलचल में आपकी प्रस्तुति देख बहुत अच्छा लगा.
आपकी पोस्ट पर हलचल से ही आया हूँ.
आपसे यह निवेदन करने कि मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.नई पोस्ट जारी की है.
रंजन (Ranjan) ने कहा…
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