मेरे बेटे
तू नज़र आता है,
तो हर ग़म कमतर नज़र आता है,
मेरे छोटे से फ़रिश्ते, तेरे चेहरे पे,
खुदा का नूर नज़र आता है
तेरी मासूमियत से बढकर कुछ नहीं,
तेरा भोलापन हर शै से बेहतर नज़र आता है
तेरी हंसती आँखों में बसती है मेरी दुनिया
जहां हर सू प्यार ही प्यार नज़र आता है
तुझे ज़रा कुछ हो जाए तो थम जाती है ज़िन्दगी,
तेरी शरारतों में मुक्कमल मेरा संसार नज़र आता है
सोचती हूँ जो भूल गया ये दिन तू बड़े हो कर,
फरमान-ऐ-मौत सा तेरा इनकार नज़र आता है
देखा है उस माँ को जो अपनी औलाद से जुदा हुई
उसका कलेजा कतरा-कतरा, ज़ार-ज़ार नज़र आता है
ये दुआ है तेरे लिये, जो देखे तुझे वो कहे,
खुदा का अक्स तेरे चेहरे पर नज़र आता है
औरत हूँ कई रिश्ते और रस्में निभाती हूँ,
मगर सबसे खूबसूरत माँ का किरदार नज़र आता है
'प्यारी माँ' पर जनवरी १२, २०११ को प्रकाशित (http://pyarimaan.blogspot.com/2011/01/blog-post_12.हटमल)
टिप्पणियाँ
शुक्रिया जी /
तेरी शरारतों में मुक्कमल मेरा संसार नज़र आता है
maa kee zindagi bachche kee muskaan me hoti hai
Bahut hi sunder rachna.
मगर सबसे खूबसूरत माँ का किरदार नज़र आता है
wah......kya baat hai.
जहां हर सू प्यार ही प्यार नज़र आता है
वाह...बहुत भावपूर्ण रचना...बधाई स्वीकारें
नीरज
aapke dil se nikale shabd seedhe dil ko chhute hain.
aabhar.
खुदा का अक्स तेरे चेहरे पर नज़र आता है ...
पावन ... बहुत ही सुन्दर सी दुआ है ... बच्चों के चेहरे में खुदा का नूर होता है ...