अजय
मित्रता दिवस की सभी को शुभकामनाएं!
यह पंक्तियाँ उस भाई के लिए हैं जो दूर तो है पर दिल के बहोत करीब है, परेशान तो है मगर जीत उसकी मुट्ठी में है :-)
जब हाथ बढ़ा के छू न पाऊँ,
कैसे तेरा दर्द सहलाऊँ?
जब वक़्त-ओ-हालात इजाज़त न दे,
कैसे तुझे मिलने आऊँ?
तू है दूर, तेरा दर्द इतने करीब,
तेरी आह सुनु पर तुझे देख न पाऊँ
वो आंसूं जो शायद गिरते ही नहीं,
कैसे उन्हें पोंछ पाऊँ?
कैसे कहूँ की मैं हूँ,
छोटे मुँह, बड़ी बात कैसे कर जाऊं?
फज़ल-ओ-रहम हो उसका तुझ पर
यूँ दुआ में झुक जाऊं
मुश्किलों से तो दोस्ती है तेरी,
खुद को याद दिलाऊँ,
तेरी हँसी जो हर ग़म जीत ले
याद कर मुस्कुराऊँ
दर्द है पर हार नहीं,
तेरी हिम्मत पे वारि जाऊं
तू अजय है, अजय ही रहेगा
मन में यही दोहराऊँ
टिप्पणियाँ
Best wishes for friendship day to you also.
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
फ्रेंडशिप डे ' की आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ ..... |
नीरज
खुद को याद दिलाऊँ,
तेरी हँसी जो हर ग़म जीत ले
याद कर मुस्कुराऊँ
बहुत सुन्दर भावों से भरी प्रस्तुति. अंजना जी आपको भी मित्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें
तेरी हिम्मत पे वारि जाऊं
तू अजय है, अजय ही रहेगा
मन में यही दोहराऊँ
तू अजय है, अजय ही रहेगा
हम भी रही कहेंगे अच्छी रचना मित्रता दिवस पर ..
कृपया पधारें
चर्चा मंच
तेरी हिम्मत पे वारि जाऊं
सुन्दर भाव... सुन्दर रचना...
सादर...
प्यार और दुलार के साथ साथ हिम्मत को जगा देने वालें हैं.इस सुन्दर रचना के द्वारा अजय को बेहतरीन तोहफा दिया है आपने.
हमारी शांति, हमारा विकास और हमारी सुरक्षा आपस में एक दूसरे पर शक करने में नहीं है बल्कि एक दूसरे पर विश्वास करने में है।
राखी का त्यौहार भाई के प्रति बहन के इसी विश्वास को दर्शाता है।
भाई को भी अपनी बहन पर विश्वास होता है कि वह भी अपने भाई के विश्वास को भंग करने वाला कोई काम नहीं करेगी।
यह विश्वास ही हमारी पूंजी है।
यही विश्वास इंसान को इंसान से और इंसान को ख़ुदा से, ईश्वर से जोड़ता है।
जो तोड़ता है वह शैतान है। यही उसकी पहचान है। त्यौहारों के रूप को विकृत करना भी इसी का काम है। शैतान दिमाग़ लोग त्यौहारों को आडंबर में इसीलिए बदल देते हैं ताकि सभी लोग आपस में ढंग से जुड़ न पाएं क्योंकि जिस दिन ऐसा हो जाएगा, उसी दिन ज़मीन से शैतानियत का राज ख़त्म हो जाएगा।
इसी शैतान से बहनों को ख़तरा होता है और ये राक्षस और शैतान अपने विचार और कर्म से होते हैं लेकिन शक्ल-सूरत से इंसान ही होते हैं।
राखी का त्यौहार हमें याद दिलाता है कि हमारे दरम्यान ऐसे शैतान भी मौजूद हैं जिनसे हमारी बहनों की मर्यादा को ख़तरा है।
बहनों के लिए एक सुरक्षित समाज का निर्माण ही हम सब भाईयों की असल ज़िम्मेदारी है, हम सभी भाईयों की, हम चाहे किसी भी वर्ग से क्यों न हों ?
हुमायूं और रानी कर्मावती का क़िस्सा हमें यही याद दिलाता है।
रक्षाबंधन के पर्व पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं...
देखिये
हुमायूं और रानी कर्मावती का क़िस्सा और राखी का मर्म
ब्लॉगर्स मीट वीकली (6) Eid Mubarak में आपका स्वागत है।
इस मुददे पर कुछ पोस्ट्स मीट में भी हैं और हिंदी ब्लॉगिंग गाइड की 31 पोस्ट्स भी हिंदी ब्लॉग जगत को समर्पित की जा रही हैं।