मोहब्बत
कहते हैं एक बार होती है
किसी एक से होती है
दिल में हो मोहब्बत तो
मोहब्बत भरी ज़िन्दगी
गंगा सी होती है
जहां-जहां बहती है
सबको भिगोती है
वाद-विवाद की होती है,
रूठने मानने की होती है
मोहब्बत भरे रिश्तों में
जगह इन सब की होती है
मज़बूत रिश्तों को जो बांधे
वो डोर ज़रा कच्ची होती है
कभी-कभी सौ झूठ में छिपी
मोहब्बत भी सच्ची होती है
जब ईंट का जवाब
मोहब्बत होती है
तब ज़िन्दगी इश्वर के
बड़े करीब होती है
मोहब्बत जब
दिल की मल्लिका होती है,
ज़िन्दगी जीने का
सुनहरा सलीका होती है
फोटोस: गूगल आभार
टिप्पणियाँ
यह हमारा सौभाग्य है कि आप जैसी निर्मल हृदय
ब्लोगर हमें अनुग्रहित करवाती रहतीं हैं मोहब्बत के सुन्दर अहसासों से.
आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
गंगा सी होती है
जहां-जहां बहती है
सबको भिगोती है
wah. kya baat hai.
'कभी-कभी सौ झूठ में छिपी
मोहब्बत भी सच्ची होती है'
खूबसूरत तरीके से हुई है ऐसी कठिन अभिव्यक्ति...
मोहब्बत होती है
तब ज़िन्दगी इश्वर के
बड़े करीब होती है ...
बहुत सच कहा है...बहुत सुन्दर प्रेममयी प्रस्तुति..
सादर,
डोरोथी.
दिल की मल्लिका होती है,
ज़िन्दगी जीने का
सुनहरा सलीका होती है
आज तो मोहब्बत को बांध दिया है…………बहुत सुन्दर्।
excellent write!
गंगा सी होती है
जहां-जहां बहती है
सबको भिगोती है
-बहुत सुन्दर.....सजावट का रंग अलग से जमा है..
बधाई
आभार
विजय
कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html