मोहब्बत

कहते हैं एक बार होती है
किसी एक से होती है
दिल में हो मोहब्बत तो 
हर एक से होती है

मोहब्बत भरी ज़िन्दगी 
गंगा सी होती है 
जहां-जहां बहती है
सबको भिगोती है 

वाद-विवाद की होती है,
रूठने मानने की होती है
मोहब्बत भरे रिश्तों में
जगह इन सब की होती है

मज़बूत रिश्तों को जो बांधे 
वो डोर ज़रा कच्ची होती है
कभी-कभी सौ झूठ में छिपी 
मोहब्बत भी सच्ची होती है 

जब ईंट का जवाब
मोहब्बत होती है 
तब ज़िन्दगी इश्वर के 
बड़े करीब होती है  

मोहब्बत जब 
दिल की मल्लिका होती है,
ज़िन्दगी जीने का 
सुनहरा सलीका होती है 

फोटोस: गूगल आभार 

टिप्पणियाँ

S.N SHUKLA ने कहा…
मोहब्बत शब्द का अर्थ बहुत व्यापक है ,उसे सीमाओं में कैद नहीं किया जा सकता / बहुत सुन्दर प्रस्तुति
प्रेम सुधारस देता सबको।
बहुत खूबसूरत अंदाज़ मुहब्बत को बयाँ करने का ...
Rakesh Kumar ने कहा…
मोहब्बत के खूबसूरत भाव अति सुंदरता से संजोये हैं आपने अपनी इस अनुपम प्रस्तुति में.एक मोहब्बत भरे दिल के द्वारा ही ऐसा किया जाना संभव है.
यह हमारा सौभाग्य है कि आप जैसी निर्मल हृदय
ब्लोगर हमें अनुग्रहित करवाती रहतीं हैं मोहब्बत के सुन्दर अहसासों से.
आभार.

मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
mridula pradhan ने कहा…
मोहब्बत भरी ज़िन्दगी
गंगा सी होती है
जहां-जहां बहती है
सबको भिगोती है
wah. kya baat hai.
Bharat Bhushan ने कहा…
मोहब्बत का नया तर्ज़े-ब्याँ.
'कभी-कभी सौ झूठ में छिपी
मोहब्बत भी सच्ची होती है'
खूबसूरत तरीके से हुई है ऐसी कठिन अभिव्यक्ति...
बहुत खूब ... सच कहा मुहब्बत कुछ इस तरह ही होती है ..
बेनामी ने कहा…
bahut khoob shandar ...lekhan
Kailash Sharma ने कहा…
जब ईंट का जवाब
मोहब्बत होती है
तब ज़िन्दगी इश्वर के
बड़े करीब होती है ...

बहुत सच कहा है...बहुत सुन्दर प्रेममयी प्रस्तुति..
Dorothy ने कहा…
प्रेम को नए नए अर्थ और आयाम देती खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
डोरोथी.
vandana gupta ने कहा…
मोहब्बत जब
दिल की मल्लिका होती है,
ज़िन्दगी जीने का
सुनहरा सलीका होती है

आज तो मोहब्बत को बांध दिया है…………बहुत सुन्दर्।
beautiful post. THis poem touched my heart,
excellent write!
muhabbat to har ke ko hoti hai, ab ye alag hai ki uska rang roop vibhinn tarah ka hota hai!!
Udan Tashtari ने कहा…
मोहब्बत भरी ज़िन्दगी
गंगा सी होती है
जहां-जहां बहती है
सबको भिगोती है


-बहुत सुन्दर.....सजावट का रंग अलग से जमा है..
vijay kumar sappatti ने कहा…
बहुत सुन्दर भाव से भरी हुई कविता .. दिल को छूती हुई .. मन में बस गयी है ...

बधाई

आभार

विजय

कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अब बस हुआ!!

राज़-ए -दिल

वसुधैव कुटुम्बकम्