नारी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कुछ पंक्तियाँ , नारीत्व को समर्पित....
तुझी से ताकत मिलती है,
तू ही प्यार सिखाती है
तू सुन्दरता की परिभाषा,
तू ही जग सुंदर बनाती है
अपनी जड़ो से दूर होकर,
अनजाना आँगन अपनाती है
इश्वर की पहली सहायक है,
तू उसकी दुनिया बढाती है
तेरे आलिंगन में सुख ही सुख है,
ममता व स्नेह से भरी तेरी छाती है
जिद्द पर आ जाए तो ज्वाला है,
कभी भरी डाली सी झुक जाती है
कितने रिश्ते, कितने रूप,
क्या-क्या किरदार निभाती है
अकेले में ग़म से दोस्ती,
महफ़िल में मुस्काती है
यूँ तो हर जवाब होता है तेरे पास,
कभी खुद ही सवाल बन जाती है
तेरी अपनी भी ज़रूरतें हैं,
बस, अक्सर ये भूल जाती है
उनकी छाया बनी रहे सदा,
इसकर अपना कद छिपाती है
Photos: Courtesy Google
टिप्पणियाँ
rang bhare hain jisme
नीरज
मेरा मानना है ... जिस देश में नारी का अपमान होता है वो देश कभी तरक्की नहीं कर सकता ....
सभी को महिला दिवस की बहुत बहुत शुबकामनाएं ...
संकल्प लें कुछ कर दिखाने का ...
अंजना 'गुडिया'भी बन जाती है'
भोली-भोली सी ,प्यारी-प्यारी सी.
देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ.
समस्त मातृ शक्तियों को नमन!!!