बड़ी सख्त-दिल यादें हैं, लौट-लौट के आ जाती हैं

बड़ी सख्त-दिल यादें हैं, लौट-लौट के आ जातीं हैं,
ज़ख्म ताज़ा हो जाते हैं, दिल दुखा जातीं हैं

सारा माहौल बदल जाता है, 

ज़हन सहम जाता है,
हिम्मत टूट जाती है, 

वक़्त रुक सा जाता है,
शम्मा-ऐ-ख़ुशी बुझा जातीं हैं
बड़ी सख्त-दिल यादें हैं, लौट-लौट के आ जातीं हैं

हँसते-हँसते चुप हो जाती हूँ, 

दिल के किसी अँधेरे कोने में छुप जाती हूँ,
आँखें मींच लेती हूँ, 

आंसूं पी जाती हूँ,
बड़ी बेगैरत हैं, बड़ी मुश्किल से छोड़ के जातीं हैं
बड़ी सख्त-दिल यादें हैं, लौट-लौट के आ जातीं हैं

कुछ यादें प्यारी हैं, 
मीठी हैं, 
मगर फिर भी दिल दुखाती हैं,
वो वक़्त याद दिलाती हैं जो वापिस नहीं आ सकता, 
वो शख्स याद दिलाती हैं जो वापिस नहीं आ सकता,
आँखें भीगा जाती हैं, बेबसी जाता जा जातीं हैं
बड़ी सख्त-दिल यादें हैं, लौट-लौट के आ जातीं हैं

टिप्पणियाँ

Udan Tashtari ने कहा…
अच्छा लगा पढ़कर.
यादें बहुत ही परेशान करती हैं, जब नहीं चाहता है मन, तभी आ जाती हैं।
Unknown ने कहा…
Verybeautiful lines written....
रंजन ने कहा…
महाफिल सजी रहे.. अच्छा लग रहा है..
शिक्षामित्र ने कहा…
भावुक हृदय स्मृतियों में ही जीता है। मगर दुनिया वैसी नहीं है जैसा हम चाहते हैं या जैसी होनी चाहिए।
abhi ने कहा…
यादें होती ही ऐसी हैं..कभी भी आ जाती हैं, कभी एक मुस्कान सी बिखेर देती हैं यादें तो कभी दिल में एक टीस सी दे देती हैं.
Anjana Dayal de Prewitt (Gudia) ने कहा…
यादें हर किसी के साथ रहती हैं... ये वो हमसफ़र हैं जो वफ़ा किये जातीं हैं, हम चाहे ना चाहे...

@रंजन भाई, यह महफ़िल तो आपकी की ही देन है, बहुत शुक्रिया चिट्ठाजगत तक पहुंचाने के लिए :-))
vandana gupta ने कहा…
yaadein kab waqt dekhkar aati hain
ye hawayein to bewaqt hi chali aati hain.



sundar abhivyakti.
Sneh ने कहा…
अति सुंदर ! बहुत खूब !
Anjana Dayal de Prewitt (Gudia) ने कहा…
@ Sneh, nice to see you on blogger!!! Best wishes :-)
36solutions ने कहा…
सत्‍य को शब्‍द दिया है आपने, यादों को याद करना नहीं पढ़ता. सुन्‍दर कविता, धन्‍यवाद.
ZEAL ने कहा…
One has to become stronger than ever. Life teaches us vital lessons.

zealzen.blogspot.com

ZEAL
ghughutibasuti ने कहा…
कभी कभी तो लगता है कि हम जो हैं उसका एक बहुत बड़ा हिस्सा हमारी यादें ही बनाती हैं।
घुघूती बासूती

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