किसी तकरार को दरार ना बनने देना

नाराज़ हो जाना, झगड़ लेना,
मेरी गलती पे चाहे जितना डांट देना,
पर अगली बार मिलो जो मुझसे,
बस एक बार दिल से मुस्कुरा देना

रंजिश ने हज़ारों दिलों में कब्रिस्तान बनाये हैं,
तुम अपने दिल में दोस्ती को धड़कने देना

बात होगी हो बात पे बात निकलेगी,
किसी तकरार को दरार ना बनने देना

नफरत, कड़वाहट, खुदगर्ज़ी नहीं मंज़ूर मुझे,
इन में से किसी की भी ना चलने देना

कुछ तो है जो हमारे खून का रंग मिलता है,
इसमें मज़हब-ओ-सरहदों का रंग ना मिलने देना

टिप्पणियाँ

Asha Joglekar ने कहा…
कुछ तो है जो हमारे खून का रंग मिलता है,
इसमें मज़हब-ओ-सरहदों का रंग ना मिलने देना ।

वाह काश वह मान जाये ।
VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…
रंजिश ने हज़ारों दिलों में कब्रिस्तान बनाये हैं,
तुम अपने दिल में दोस्ती को धड़कने देना
ANJANA GEE BAHUT HEE KHOOBSURAT LIKHA AAPNE ...HAR LINE DIL KO CHHOO GAYI ...BADHAYI
Shah Nawaz ने कहा…
नाराज़ हो जाना, झगड़ लेना,
मेरी गलती पे चाहे जितना डांट देना,
पर अगली बार मिलो जो मुझसे,
बस एक बार दिल से मुस्कुरा देना


वाह! बहुत खूब!
Shah Nawaz ने कहा…
नाराज़ हो जाना, झगड़ लेना,
मेरी गलती पे चाहे जितना डांट देना,
पर अगली बार मिलो जो मुझसे,
बस एक बार दिल से मुस्कुरा देना


वाह! बहुत खूब!
सुन्दर भाव ...अच्छी रचना
हास्यफुहार ने कहा…
बहुत अच्छी कविता।
Anjana Dayal de Prewitt (Gudia) ने कहा…
सभी को धन्यवाद! :-)
vaah bhyi vaah khub rng birngi aekta he jesa nam he blog ka vesa kaam he blog kaa aapki lekhne sr ankhon pr muhe to bs yeh lekn yaad thegaa hmesha is pyare blog ka . akhtar khan akela kota rajsthan
The Straight path ने कहा…
बहुत अच्छी कविता...

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