किसी तकरार को दरार ना बनने देना
नाराज़ हो जाना, झगड़ लेना,
मेरी गलती पे चाहे जितना डांट देना,
पर अगली बार मिलो जो मुझसे,
बस एक बार दिल से मुस्कुरा देना
रंजिश ने हज़ारों दिलों में कब्रिस्तान बनाये हैं,
तुम अपने दिल में दोस्ती को धड़कने देना
बात होगी हो बात पे बात निकलेगी,
किसी तकरार को दरार ना बनने देना
नफरत, कड़वाहट, खुदगर्ज़ी नहीं मंज़ूर मुझे,
इन में से किसी की भी ना चलने देना
कुछ तो है जो हमारे खून का रंग मिलता है,
इसमें मज़हब-ओ-सरहदों का रंग ना मिलने देना
मेरी गलती पे चाहे जितना डांट देना,
पर अगली बार मिलो जो मुझसे,
बस एक बार दिल से मुस्कुरा देना
रंजिश ने हज़ारों दिलों में कब्रिस्तान बनाये हैं,
तुम अपने दिल में दोस्ती को धड़कने देना
बात होगी हो बात पे बात निकलेगी,
किसी तकरार को दरार ना बनने देना
नफरत, कड़वाहट, खुदगर्ज़ी नहीं मंज़ूर मुझे,
इन में से किसी की भी ना चलने देना
कुछ तो है जो हमारे खून का रंग मिलता है,
इसमें मज़हब-ओ-सरहदों का रंग ना मिलने देना
टिप्पणियाँ
इसमें मज़हब-ओ-सरहदों का रंग ना मिलने देना ।
वाह काश वह मान जाये ।
तुम अपने दिल में दोस्ती को धड़कने देना
ANJANA GEE BAHUT HEE KHOOBSURAT LIKHA AAPNE ...HAR LINE DIL KO CHHOO GAYI ...BADHAYI
मेरी गलती पे चाहे जितना डांट देना,
पर अगली बार मिलो जो मुझसे,
बस एक बार दिल से मुस्कुरा देना
वाह! बहुत खूब!
मेरी गलती पे चाहे जितना डांट देना,
पर अगली बार मिलो जो मुझसे,
बस एक बार दिल से मुस्कुरा देना
वाह! बहुत खूब!